Monday, 2 February 2015

Lohri Ka Tiyohar In Punjab

लोहरी को पंजाब में लोहड़ी बोला जाता है
यह त्यौहार १३ जनवरी को मनाया जाता है
मकर सक्रांति की पूर्व संध्या पर पंजाब और हरियाणा प्रदेशों में बड़ी धूम-धाम से 'लोहड़ी ' का त्यौहार मनाया जाता है | 
यह पंजाबियों का बहुत ही प्रिय त्यौहार है | लोहड़ी के कुछ दिन पहले से ही छोटे-छोटे बच्चे "सुन्दर मुन्द्रिए हो, तेरा कौन विचारा" इत्यादी गाते हुए उपले (पाथी)या लकड़ी इक्ठे करने लगते है |
बच्चे कुछ ऐसा भी गाते हैं........... लोहड़ी के गीत ..........
सानू दे लोहड़ी
तेरी जीवे जोड़ी 
दे माई पाथी
तेरा मुन्डा 
चढ़िया हाथी
हाथी हेठ कटोरा
तेरा पुत्त जंमुगा गोरा
गोरे ने खाधी टिक्की
तेरे पुत्त-पोतरे इक्की
इक्कीयाँ ने कीती कमाई
सानू टोकरा भरके पाईं ................
चार कु दाने खिल्लां दे
पाथी लैके हिल्लांगे !!!!
शाम के समय आग जलाई जाती है | लोग अग्नि के चारों ओर चक्कर काटते है और तिल डालते हैं आग के चारों ओर बैठकर स्त्री, पुरुष और बच्चे आग सेंकते है और मूँगफली , रेवड़ी मक्का के खिल्ले आदि बड़े आनंद से खाते है | लोग एक दूसरे को लोहड़ी की बधाईदेते है | घर में वधु की पहली लोहड़ी और बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत अच्छे ढंग से मनाई जाती है |
1.लोहड़ी आई  मूँगफली-रेवड़ी जमके खाई !
2.
आई लोहड़ी आशायों के खिलते फूल बसंती !
3.
लोहड़ी आए आलस्य सुस्ती हम दूर भगाएँ !
4.
लोहड़ी आई निष्क्रियता की जड़ चूल्ले पाई !
5.
लोहड़ी जले सब यूँ हिलमिल डालते तिल !
6.
माघ जो चढ़े लोहड़ी उपरान्त ऋतु बदले !
 From;-darshan Rana Ludhiana



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