1.
गाय सड़क पर आवारा घूमती है !
मित्रो गाय आवारा नहीं है ,आवारा वो होता है जिसका खुद का घर हो फिर भी बाहर घूमता हो , गायों के हिस्से की 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन गोचर भूमि भूमि पिछले कुछ वर्षो मे भ्रष्ट नेताओ और अधिकारियों ,ग्राम पंचायतों द्वारा हड़प ली गई उस पर नाजायज कबजें है ,
गाय आवारा नहीं है मित्रो वो बेसहारा है
आगे जरूर पढे मित्रो कुछ वर्षो से एक नया ड्रामा चला है ,कृत्रिम रूप(artificial insemination ) से गौ माता को गर्भधारण करवाया जाता है जिसमे बैल का वीर्य इंजेक्शन मे लेकर ,गौ माता को लगा दिया जाता है दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए हमने अपनी गौमाता की नस्ल बदलने की ठान ली है । और इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान का रास्ता अपनाया ! पश्चिम की नकल करने के पहले हम यह भूल गए कि वहां गायों को दूध के साथ-साथ मांस के लिए भी पाला जाता है। वहां कम से कम समय में कम से कम खर्चे पर अधिक से अधिक दूध और मांस उत्पादन के लिए कृत्रिम गर्भाधान को सबसे कारगर माना गया। सन 1931 में रूस में सबसे पहले बड़े स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान की योजना बनाई गई। आज लगभग सभी पाश्चात्य देशों में कृत्रिम गर्भाधान का रिवाज है। लेकिन अब इन अंग्रेज़ो ने और नई चाल-चली है जब से इनको पता चला है की भारतीय लोग देशी गाय और सूअर से विकसित विदेशी गाय (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) मे अंतर समझने लगे है !! तब से इन अंग्रेज़ो ने हमारी देशी गाय की नस्ल को भी बर्बाद करने का नया यड्यंत्र रचा है ! ये क्या कर रहे है कि कृत्रिम गर्भधारण विधि द्वारा विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) सांडो का वीर्य लेकर भारतीय गौ माता को इंजेक्शन से ठोका जा रहा है और गर्भवती बनाया जा रहा है !! और परिणाम क्या हो रहा है पूरी की पूरी भारतीय गाय की नस्ल ही खराब हो रही है ! उसमे विदेशी सूअर से विकसित (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) गायों जैसे अवगुण आ रहे है ,गाय सारा दिन आलसी होकर बैठी रहती है ,ज्यादा चलती फिरती भी नहीं ,तरह तरह की बीमारियाँ उसको लग रही है ,उसके मूत्र मे जो ओषधीय गुण है वो भी खत्म हो रहे है दूध की मात्रा बेशक विदेशी गायों की तरह बढ़ रही है लेकिन उसका करोगे क्या ??जहर कम हो या ज्यादा उसका परिणाम एक होता है आपको बीमारियाँ आएंगी ,और आप मरोगे !ऐसे जहरीले दूध की मात्रा बढ़ा कर आप क्या कर लोगे ??और जिस देशी गौ माता को हम भाव नहीं दे रहे ! हमारी उसी देशी गौ माता को जर्मनी वाले अपने देश लेकर जा रहे है और उसकी संख्या बढ़ाकर 2 लाख डालर ( लगभग 1 करोड़ ) से ज्यादा मे एक गाय बेच रहे है !! और हम अधिक दूध के चक्कर मे विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन ) A1 केटागिरी का दूध पी रहे है !विदेशी गाय सबसे ज्यादा गुजरात ,पंजाब ,हरियाणा मे पाई जाती है !! कल की खबर है मोदी सरकार ने देशी गायों के लिए 150 करोड़ दिये साथ ही राष्ट्रीय गौकुल मिशन के लिए 350 करोड़ रुपये दिया गया है । कुल 500 करोड़ !अब तमाशा देखिये ! एक तरफ बजट मे कत्लखानों को सबसिडी वैसे ही दी जा रही है जैसे पहले दी जाती थी और दूसरी तरफ देशी गाय के लिए 150 करोड़ !!ये तो वैसा ही हुआ एक तरफ आप शराब की फैक्ट्री चला रहे है और दूसरी तरफ नशामुक्ति अभियान !!और सुनिए मित्रो !दरअसल बात ये है मित्रो कुछ दिन पहले सरकार ने कत्ल करने वाली मशीनों पर उत्पादन शुल्क 10 % से कम कर 6 % कर दिया ! अर्थात गौ माता का कत्ल करने वाली मशीनों को सस्ता कर दिया !ये बात अभी सोशल मीडिया पर अभी थोड़ी सी ही फैली थी की दो -तीन दिन बाद ही सरकार ने देशी गाय के लिए 150 करोड़ का एलान कर आप सबको लोलीपाप पकड़ा दिया !! और यहाँ अंधभक्ति मे चूर लोग ,कत्ल मशीने के सस्ता होने को भूल गए और 150 करोड़ देशी गायों को दिये जाने का ढिंढोरा पीटे जा रहे हैं ! और प्रसन्न ऐसे हो रहे है जैसे सरकार ने पूर्ण रूप से गौ ह्त्या पर प्रतिबंध लगा दिया हो !!और सुनिए मित्रो
सरकार ने कहा है की इस 120 करोड़ रूपये से देश मे 20 करोड़ देशी नस्ल की गाय के सरक्षण के लिए खर्च होंगे !
20 करोड़ गायों के सरक्षण के लिए 120 करोड़ कितनी बड़ी रकम है ??प्रति गाय से भाग करे तो 120 करोड़ /20 करोड़ =
गाय सड़क पर आवारा घूमती है !
मित्रो गाय आवारा नहीं है ,आवारा वो होता है जिसका खुद का घर हो फिर भी बाहर घूमता हो , गायों के हिस्से की 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन गोचर भूमि भूमि पिछले कुछ वर्षो मे भ्रष्ट नेताओ और अधिकारियों ,ग्राम पंचायतों द्वारा हड़प ली गई उस पर नाजायज कबजें है ,
गाय आवारा नहीं है मित्रो वो बेसहारा है
आगे जरूर पढे मित्रो कुछ वर्षो से एक नया ड्रामा चला है ,कृत्रिम रूप(artificial insemination ) से गौ माता को गर्भधारण करवाया जाता है जिसमे बैल का वीर्य इंजेक्शन मे लेकर ,गौ माता को लगा दिया जाता है दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए हमने अपनी गौमाता की नस्ल बदलने की ठान ली है । और इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान का रास्ता अपनाया ! पश्चिम की नकल करने के पहले हम यह भूल गए कि वहां गायों को दूध के साथ-साथ मांस के लिए भी पाला जाता है। वहां कम से कम समय में कम से कम खर्चे पर अधिक से अधिक दूध और मांस उत्पादन के लिए कृत्रिम गर्भाधान को सबसे कारगर माना गया। सन 1931 में रूस में सबसे पहले बड़े स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान की योजना बनाई गई। आज लगभग सभी पाश्चात्य देशों में कृत्रिम गर्भाधान का रिवाज है। लेकिन अब इन अंग्रेज़ो ने और नई चाल-चली है जब से इनको पता चला है की भारतीय लोग देशी गाय और सूअर से विकसित विदेशी गाय (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) मे अंतर समझने लगे है !! तब से इन अंग्रेज़ो ने हमारी देशी गाय की नस्ल को भी बर्बाद करने का नया यड्यंत्र रचा है ! ये क्या कर रहे है कि कृत्रिम गर्भधारण विधि द्वारा विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) सांडो का वीर्य लेकर भारतीय गौ माता को इंजेक्शन से ठोका जा रहा है और गर्भवती बनाया जा रहा है !! और परिणाम क्या हो रहा है पूरी की पूरी भारतीय गाय की नस्ल ही खराब हो रही है ! उसमे विदेशी सूअर से विकसित (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) गायों जैसे अवगुण आ रहे है ,गाय सारा दिन आलसी होकर बैठी रहती है ,ज्यादा चलती फिरती भी नहीं ,तरह तरह की बीमारियाँ उसको लग रही है ,उसके मूत्र मे जो ओषधीय गुण है वो भी खत्म हो रहे है दूध की मात्रा बेशक विदेशी गायों की तरह बढ़ रही है लेकिन उसका करोगे क्या ??जहर कम हो या ज्यादा उसका परिणाम एक होता है आपको बीमारियाँ आएंगी ,और आप मरोगे !ऐसे जहरीले दूध की मात्रा बढ़ा कर आप क्या कर लोगे ??और जिस देशी गौ माता को हम भाव नहीं दे रहे ! हमारी उसी देशी गौ माता को जर्मनी वाले अपने देश लेकर जा रहे है और उसकी संख्या बढ़ाकर 2 लाख डालर ( लगभग 1 करोड़ ) से ज्यादा मे एक गाय बेच रहे है !! और हम अधिक दूध के चक्कर मे विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन ) A1 केटागिरी का दूध पी रहे है !विदेशी गाय सबसे ज्यादा गुजरात ,पंजाब ,हरियाणा मे पाई जाती है !! कल की खबर है मोदी सरकार ने देशी गायों के लिए 150 करोड़ दिये साथ ही राष्ट्रीय गौकुल मिशन के लिए 350 करोड़ रुपये दिया गया है । कुल 500 करोड़ !अब तमाशा देखिये ! एक तरफ बजट मे कत्लखानों को सबसिडी वैसे ही दी जा रही है जैसे पहले दी जाती थी और दूसरी तरफ देशी गाय के लिए 150 करोड़ !!ये तो वैसा ही हुआ एक तरफ आप शराब की फैक्ट्री चला रहे है और दूसरी तरफ नशामुक्ति अभियान !!और सुनिए मित्रो !दरअसल बात ये है मित्रो कुछ दिन पहले सरकार ने कत्ल करने वाली मशीनों पर उत्पादन शुल्क 10 % से कम कर 6 % कर दिया ! अर्थात गौ माता का कत्ल करने वाली मशीनों को सस्ता कर दिया !ये बात अभी सोशल मीडिया पर अभी थोड़ी सी ही फैली थी की दो -तीन दिन बाद ही सरकार ने देशी गाय के लिए 150 करोड़ का एलान कर आप सबको लोलीपाप पकड़ा दिया !! और यहाँ अंधभक्ति मे चूर लोग ,कत्ल मशीने के सस्ता होने को भूल गए और 150 करोड़ देशी गायों को दिये जाने का ढिंढोरा पीटे जा रहे हैं ! और प्रसन्न ऐसे हो रहे है जैसे सरकार ने पूर्ण रूप से गौ ह्त्या पर प्रतिबंध लगा दिया हो !!और सुनिए मित्रो
सरकार ने कहा है की इस 120 करोड़ रूपये से देश मे 20 करोड़ देशी नस्ल की गाय के सरक्षण के लिए खर्च होंगे !
20 करोड़ गायों के सरक्षण के लिए 120 करोड़ कितनी बड़ी रकम है ??प्रति गाय से भाग करे तो 120 करोड़ /20 करोड़ =
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Darshan Raana Gau
Rakshak Crime Beuro Chief All Punjab
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